गांव में ऊंची जाति के लोगों द्वारा घोड़ी पर बैठने पर विरोध किया जाता था। इस फरमान का विरोध गांव के दुर्गा लाल बलाई करते हुए उपखंड अधिकारी सुरेंद्र बी पाटीदार के समक्ष पेश होकर सुरक्षा देने की गुहार लगाई थी।