उपखंड अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि न्यायालय में 15 दिवस का समय दिए जाने का आदेश दिया है इसलिए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को 15 दिन के लिए रोक दी गई है। लेकिन तालाब के भीतर बनी हुई कच्ची सड़कों को जेसीबी मशीन के द्वारा पाटा जा रहा है। एनजीटी के अतिक्रमण हटाने के आदेश एक बार फिर से हवा हवाई होते हुए नजर आ रहे हैं
रायला एनजीटी के आदेश पर प्रशासनिक कार्यवाही हुई हवा हवाई।
रायला। शाहपुर जिलेेे केे बनेड़ा तहसील के ग्राम रायला के धर्म तालाब में पानी की आव रोकने और तालाब की जमीन में आवासीय आवंटन होने के बाद लोगों ने अपने मकान बना लिये। रायला निवासी ओमप्रकाश सोमानी ने धर्म तालाब के मूल स्वरूप में पंचायत के द्वारा परिवर्तित कर दिए जाने का आरोप लगाते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भोपाल को अपील की थी। सोमानी की अपील पर तालाब को मूल स्वरूप में परिवर्तित करने के आदेश पारित किया तथा निश्चित समय सीमा में तालाब में व्याप्त अतिक्रमण हटाने एवं पानी की आव को खोला जाए, ग्राम पंचायत के द्वारा 2 करोड़ रूपया जमा करने के एनजीटी के आदेश की पालना करने के आदेश जिला प्रशासन राजस्थान सरकार को देकर पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी ।
एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन एक बार पूर्व में भी सक्रिय हुआ था लेकिन विभिन्न कारणों से एनजीटी के आदेश की पालना नहीं हुई। प्रार्थी ओमप्रकाश सोमानी ने निर्धारित समय में तालाब को मूल स्वरूप में प्रशासन के द्वारा ना ले जाने पर एनजीटी के आदेश की अवमानना याचिका दायर कराई। एनजीटी ने फिर से जिला प्रशासन को रायला के धर्म तालाब को मूल स्वरूप में परिवर्तित कर पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के जिला प्रशासन को आदेश दिए।
जिला प्रशासन ने तालाब के भीतर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के नोटिस/ सूचना पत्र जारी किए। तहसीलदार कार्यालय से जारी सूचना पत्र के अनुसार दिनांक 18 जुलाई 2024 तक कब्जे हटाए जाने के नोटिस पर कब्जा धारी लोगों में दशहत उत्पन्न हो गई तथा अपने मकानो को बचाने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए परिवार रिश्तेेेेदारों को एकत्रित कर विभिन्न प्रयास हुए लोगों ने प्रशासन से मुकाबला करने के लिए अपने मकानों के बाहर धरने दे दिए, वहीं मुस्लिम समाज के लोगों ने मदरसे को बचाने के लिए मदरसे के बाहर धरना दिया।
लोगों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने 200 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जिनकी कमान पुलिस उप अधीक्षक शाहपुरा रमेश चंद्र तिवाड़ी को सौंपी गई। शाहपुर जिले की रायला थाना, बनेड़ा थाना, फुलिया कला थाना, कोटडी थाना की की पुलिस, बनेड़ा उपखंड अधिकारी श्रीकांत व्यास , तहसीलदार बनेड़ा, पंचायत समिति बनेड़ा के अतिरिक्त विकास अधिकारी गणेश नारायण शर्मा मय दलबल जेसीबी मशीन के साथ एनजीटी न्यायालय की पालना में धर्म तालाब के पेटे में पहुंच गए। इसी बीच उपखंड अधिकारी को राजस्थान हाई कोर्ट की सूचना मिली कि एनजीटी के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल कर रखी है जिसकी सुनवाई 22 जुलाई 2024 को होनी है। जोधपुर राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में उपखंड अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि न्यायालय में 15 दिवस का समय दिए जाने का आदेश दिया है इसलिए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को 15 दिन के लिए रोक दी गई है। लेकिन तालाब के भीतर बनी हुई कच्ची सड़कों को जेसीबी मशीन के द्वारा पाटा जा रहा है। एनजीटी के अतिक्रमण हटाने के आदेश एक बार फिर से हवा हवाई होते हुए नजर आ रहे हैं। वही 15 दिन का समय मिलने की सूचना पर तालाब के पेटे में कब्जाधारी लोगों ने चैन की सांस ली। नरेंद्र रगर ने लोगों के सहयोग और न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही रोकने पर प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया। तथा लोगों से अपील की कि आप इसी तरह से सहयोग करते रहें जरूरत पड़ने पर दिन-रात आपके लिए खड़ा रहूंगा।
। प्रशासनिक अमला बगैर कार्रवाई के वापस लौट गया।आपको बता दे कि कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र रेगर का मकान भी उस जद में आ रहा था । प्रशासन से मुकाबला करने के लिए 36 कोम, भीम आर्मी, भीलवाड़ा शाहपुरा, आसींद, गुलाबपुरा, बेरा बलेसरिया बनेड़ा, रायला लांबिया कला तथा अन्य स्थानों से विभिन्न संगठनों के पदाधिकारीगण कार्यकर्ता, ग्रामवासी उपस्थित थे।
ललित कुमार जीनगर ने बताया कि जिस आराजी को अवैध बताया वह आराजी ग्राम पंचायत के द्वारा नीलामी में बोली लगाकर खरीदी गई आवासीय थी। अवैध कैसे हो सकती। इसी बात को लेकर एनजीटी को पुनर्विचार याचिका प्रस्तुत की गई जिसकी सुनवाई 22 जुलाई 2024 को होनी है। एनजीटी में याचिका कर्ता ओम प्रकाश सोमानी ने ग्राम पंचायत से राजनीतिक द्वेषता के चलते अपील की गई थी। और और प्रशासनिक दबाव लगाकर वैध कब्जाधारियों के आवासों को ध्वस्त करा आर्थिक एवम मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। जिसकी भर्त्सना की जा रही है।
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Super Admin
Nice