शाहपुरा/ (महावीर मीणा )जिले में अवैध रूप से झोला छाप चिकित्सक कुकरमुत्ते की तरह फेल कर गांव गांव में अपना जाल बिछा रखा है।
शाहपुरा/ (महावीर मीणा )जिले में अवैध रूप से झोला छाप चिकित्सक कुकरमुत्ते की तरह फेल कर गांव गांव में अपना जाल बिछा रखा है।
चिकित्सा विभाग की मेहरबानी से झोला छाप चिकित्सकों की हो रही है बल्ले बल्ले।
शाहपुरा/ (महावीर मीणा )जिले में अवैध रूप से झोला छाप चिकित्सक कुकरमुत्ते की तरह फेल कर गांव गांव में अपना जाल बिछा रखा है। शाहपुरा जिले से सटे अन्य जिलों में अवैध झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ आए दिन करवाई की जा रही है सरकार की कार्रवाई से कई झोलाछाप चिकित्सक भूमिगत हो गए हैं। लेकिन शाहपुरा जिले में झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कोई अभियान चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अब तक चालू नहीं किया गया। इसकी वजह क्या हो सकती है। एक झोलाछाप डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चिकित्सा विभाग के पास हर माह बंधी जाती है तो जिले में झोलाछाप के खिलाफ चिकित्सा विभाग की कार्यवाही क्यों होगी । चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से झोलाछाप चिकित्सकों का कारोबार चल रहा है। कई झोलाछाप डॉक्टरों ने चिकित्सा विभाग की मेहरबानी से जिले में गहरी जड़े जमा चुके हैं और इतना पैसा कमा चुके हैं कि और यहीं पर सूदखोरी का काम भी चालू कर दिया है। सूद खोरी में मकान तक हथिया लिए हैं। यह मामला भी ढ़िकोला निवासी नूर बानो पत्नी इशाक मोहम्मद के द्वारा पुलिस अधीक्षक शाहपुरा को दिए गए प्रार्थना पत्र से उजागर होता है कि सागर विश्वास पुत्र विष्णु विश्वास जो कि पैसे से झोलाछाप डॉक्टर हैं उसने ₹6 लाख रुपए इशाक को ब्याज पर उधार दे रखे थे। ब्याज के पैसे नहीं चुकाने पर मकान की रजिस्ट्री अपने नाम पर करवा ली। इस संबंध में मामला थाने में लंबित है। इस संबंध में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी घनश्याम चावल से हमारे संवाददाता ने बातचीत करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन नही उठाया ।
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