राजस्थान सरकार ने अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत खाद्य सामग्री (सामान) खरीदने का काम अब जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति के जरिए करवाने का फैसला किया है. एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘‘जिला स्तरीय समिति सामान खरीदेगी और फूड किट वितरित करेगी.’’
जयपुर: राजस्थान सरकार ने अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत खाद्य सामग्री (सामान) खरीदने का काम अब जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति के जरिए करवाने का फैसला किया है. एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘‘जिला स्तरीय समिति सामान खरीदेगी और फूड किट वितरित करेगी.’’
उल्लेखनीय है कि पहले यह काम सहकारिता विभाग को दिया गया था. विभाग को इस योजना में लाभार्थियों को दिए जाने वाला खाद्य सामान खरीदकर उसे फूड किट के रूप में देना था. सरकार ने योजना को समय पर लागू कर इसे सफलतापूर्वक चलाने के लिए अब यह काम जिला स्तरीय समिति के माध्यम से कराने का निर्णय किया है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गरीब परिवारों को निःशुल्क फूड पैकेट देने की महत्वाकांक्षी 'अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना' के कार्यान्वयन को अप्रैल में मंजूरी दे दी थी. इस पर 392 करोड़ रुपये का मासिक खर्च आने का अनुमान है. एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य के 1.06 करोड़ परिवारों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए अहम निर्णय किया है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) से जुड़े परिवारों को निःशुल्क फूड पैकेट वितरित किए जाएंगे।इसके अनुसार प्रत्येक पैकेट में चना दाल, चीनी, नमक एक-एक किलो, खाद्य तेल एक लीटर, मिर्ची पाउडर, धनिया पाउडर 100-100 ग्राम और हल्दी पाउडर 50 ग्राम सामग्री होगी. लाभार्थियों को लगभग 370 रुपए प्रति पैकेट (सभी व्ययों सहित) की लागत से फूड पैकेट आपूर्ति करने पर राज्य सरकार को लगभग 392 करोड़ रुपए मासिक व्यय करना होगा. राज्य में चल रहे महंगाई राहत शिविर में इस योजना के लाभार्थियों का भी पंजीकरण किया जा रहा है.
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