रायला। जलझूलनी एकादशी पर रायला के सभी मंदिरों से परंपरागत तरीके से ठाकुर जी के बेवाणों की शोभा यात्रा निकाली गई।
रायला। जलझूलनी एकादशी पर रायला के सभी मंदिरों से परंपरागत तरीके से ठाकुर जी के बेवाणों की शोभा यात्रा निकाली गई।
जलझूलनी एकादशी पर धूमधाम से निकली शोभा यात्रा।
। पंकज तिवाड़ी ।
रायला। जलझूलनी एकादशी पर रायला के सभी मंदिरों से परंपरागत तरीके से ठाकुर जी के बेवाणों की शोभा यात्रा निकाली गई।
बेवाणों के धर्म तालाब पहुंचने पर गुलाल और पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
इस शोभायात्रा में सबसे आगे चल रहे महावीर बैंड की मधुर धुनों पर भक्ति गीतों पर लोग झूम उठे। पीछे दुर्गा शक्ति अखाड़ा रायला की बालिकाएं अपना कर्तब दिखाते हुए चल रही थी।
धर्म तालाब की पाल पर पुजारियों द्वारा संपूर्ण भगवान के बेवाणों को जल विहार कराया गया भगवान सामूहिक महा आरती उतारी गई और प्रसाद वितरण किया गया।
आरती के समय ढोल नगाड़े के आवाज से संपूर्ण वातावरण गूंज उठा।
भगवान के जल विहार, जल झूलने के पश्चात भगवान के बेवाण पुनः अपने-अपने मंदिरों की ओर पुजारियों के द्वारा ले जाया गया।
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