भीलवाड़ा । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी हो गई है इसके अन्तर्गत जिले में कपास, मूंग, मूंगफली, ग्वार, मक्का, धान, बाजरा, तिल, ज्वार एवं सोयाबीन की फसलों को कवर किया जाना प्रस्तावित किया है। संयुक्त निदेशक कृषि इन्द्र सिंह संचेती ने बताया कि जिले में इस वर्ष के लिए एग्रीकल्चर इन्श्योरेंश कम्पनी को फसल बीमा करने हेतु अधिकृत किया गया है।
किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़कर लाभ प्राप्त करें
भीलवाड़ा । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अधिसूचना जारी हो गई है इसके अन्तर्गत जिले में कपास, मूंग, मूंगफली, ग्वार, मक्का, धान, बाजरा, तिल, ज्वार एवं सोयाबीन की फसलों को कवर किया जाना प्रस्तावित किया है। संयुक्त निदेशक कृषि इन्द्र सिंह संचेती ने बताया कि जिले में इस वर्ष के लिए एग्रीकल्चर इन्श्योरेंश कम्पनी को फसल बीमा करने हेतु अधिकृत किया गया है। उन्होंने अपील की कि सभी किसान इस योजना से जुड़ कर योजना का लाभ प्राप्त करें। बीमा प्रीमियम बीमित राशि की कपास हेतु पांच एवं अन्य फसलों हेतु दो प्रतिशत नियत की गई शेष प्रीमियम राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा आधी-आधी अनुदान के रूप में वहन की जाती है।
जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड ले रखा है वे स्वतः ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे तथा जो किसान क्रेडिट कार्ड धारक इस योजना से नहीं जुड़ना चाहते हैं उन्हें इस योजना से पृथक होने की अंतिम तिथी 25 जुलाई है तथा यदि किसान क्रेडिट कार्ड में अंकित फसल से अन्य फसल की बुवाई की है तो वे 29 जुलाई तक बैंक को बोई गई फसल की जानकारी दे सकते हैं ताकि उन्हें फसल खराब होने की स्थिति में बुवाई की गई फसल का बीमा कवरेज उपलब्ध हो सके। जो किसान किसान क्रेडिट कार्ड धारी नहीं वे भी इस योजना से जुड़ना चाहते हैं तो वे बैंक, सीएससी, अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा ले सकते हैं। योजना से जुड़ने हेतु भू-स्वामित्व के साक्ष्य, लैंड पजेंसन प्रमाण पत्र, बैंक खाता सम्बन्धी साक्ष्य, आधार कार्ड की प्रति ऑनलाईन जमा करवाने होंगे साथ ही एक स्व प्रमाणित घोषणा पत्र जिसमें प्रत्येक खसरा संख्या का कुल क्षेत्र, प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र, मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार अंकित कर प्रस्तुत करना होगा।
बंटाईदार कृषक भी चाहे तो वे भी फसल बीमा योजना से जुड़ सकते हैं। बंटाईदार कृषक को सम्बन्धित खातेदार से लिखित में यह शपथ पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करेगा कि उस खातेदार के द्वारा जमीन बंटाई पर दी गई है, उसे स्वयं के बैंक खाते की प्रति उपलब्ध करवानी आवश्यक होगी, साथ ही उसे राजस्थान का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र, जिस कृषक से जमीन बंटाई पर ली है उसका आधार कार्ड भी प्रस्तुत करना होगा।
खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात के कारण में उपज में नुकसान के लिए व्यपक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा सम्पदित फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त उपज आंकड़ों के आधार पर होगा।
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