टेक्सटाइल उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए नई योजना पर विचार विमर्श के लिए नई दिल्ली में 29 जून को टेक्सटाइल मंत्रालय नई दिल्ली में आयोजित बैठक में मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से बहुत ही विस्तार से एवं गहराई से सुझाव दिये
टेक्सटाइल उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए नई योजना पर विचार विमर्श के लिए नई दिल्ली में 29 जून को टेक्सटाइल मंत्रालय नई दिल्ली में आयोजित बैठक में मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से बहुत ही विस्तार से एवं गहराई से सुझाव दिये
ए टफ योजना के स्थान पर दूसरी नई पॉलिसी पर मेवाड़ चेंबर ने दिए सुझाव
भीलवाडा । ए-टफ योजना के स्थान पर टेक्सटाइल उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए नई योजना पर विचार विमर्श के लिए नई दिल्ली में 29 जून को टेक्सटाइल मंत्रालय नई दिल्ली में आयोजित बैठक में मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से बहुत ही विस्तार से एवं गहराई से सुझाव दिये गये थे। साथ ही भीलवाडा कलस्टर में टेक्सटाइल के सभी सेक्टर कार्यरत है। अतः प्रोसेसिंग इण्डस्ट्री के आधुनिकीकरण के संदर्भ में नई योजना पर विचार करने के लिए हमने सबसे पहले भीलवाडा कलस्टर को चुना है। यह बात अतिरिक्त वस्त्र आयुक्त एस पी वर्मा ने आज मेवाड़ चैम्बर में प्रोसेसिंग, डेनिम उद्योगों के उद्यमियों के साथ चर्चा में कही।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग, वित्त मंत्रालय, डीपीआईआईटी आदि के स्पष्ट विचार है कि आगे से किसी भी रूप में पूंजीगत अनुदान या ब्याज अनुदान नहीं दिया जाएगा। जिस तरह से अन्य उद्योगों के लिए पीएलआई स्कीम लागू की गई है, उसी रूप में टेक्सटाइल के लिए भी पीएलआई स्कीम ही लाने की संभावना है। उन्होंने पीएलआई स्कीम का प्रारूप बताते हुए कहा कि नई योजना के तहत केवल नए ग्रीन फील्ड उद्योगों को ही सम्मिलित किया जाएगा। पुराने चल रहे उद्योगों को इसमें सम्मिलित नहीं किया जाएगा। योजना के तहत न्यूनतम निवेश की सीमा सभी कलस्टर से विचार विमर्श के बाद तय की जाकर निवेश के अनुरूप टर्नओवर पर प्रथम वर्ष में एक निश्चित प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। आगामी दो से पांच वर्ष तक बेसिक वर्ष के टर्नओवर पर इंक्रीमेंटल टर्नओवर पर तय प्रतिशत के अनुसार अनुदान दिया जाएगा। चर्चा के दौरान अध्यक्ष बी एम शर्मा, मानद महासचिव आर के जैन, संगम ग्रुप के वी के सोडानी, शुभलक्ष्मी के शांतिलाल पानगडिया, रोलेक्स प्रोसेस के आर एल काबरा, सिन्थेटिक्स वीविंग मिल्स एसोसिएशन के संजय पेडीवाल एवं अन्य उद्यमियों ने कई सुझाव दिये। भीलवाडा के उद्यमियों ने कहाकि राजस्थान में भीलवाडा, बालोतरा, पाली आदि सभी स्थानों पर प्रोसेसिंग जोब वर्क पर होता है, अतः यहां निवेश के मुकाबले अधिक टर्नओवर या वैल्यू एडिशन नही होता है। साथ ही वर्तमान मंे कार्यरत उद्योगों को भी नये विस्तारीकरण पर इस योजना में सम्मिलित किया जाना चाहिए। वी के सोडानी ने कहा कि एक निश्चित निवेश से मशीने लगकर जो उत्पादन सीमा बनी है, उसमें अगले वर्षो में अतिरिक्त टर्नऑवर कैसे आ सकता है।
मंत्रालय के अंडर सचिव अनिल कुमार एवं एस पी वर्मा ने कहा कि विचार विमर्श से आपके विभिन्न सुझाव नोट किये गये है, और भी सुझाव आप भेज सकते है। सभी कलस्टर के सुझावों के अनुरूप ही योजना को अन्तिम रुप दिया जाएगा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अध्यक्ष बी एम शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ आर सी लोढ़ा ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
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